The story of our lockdown - Poetic way
तब शुरू हुई ये कहानी, जब बहुत कुछ करने की थी तम्मना
बिन चाहे ही जुड़ गया हमारी किताब में ये पन्ना |
छोटे छोटे कुछ सपने थे जो टूट गए
देखते देखते साथ रहने वाले अपने ही छूट गए
ये यकीं करना मुश्किल था तब
क्यूंकि वक़्त के धागे ही हमें लूट गए |
जिस घर में जाने के लिए थे रोते
अब वहीँ पे सिमट के हैं सोते |
दिन गुजरना साल के बराबर लग रहा था
कोई था जो हमारे लिए बाहर लड़ रहा था
दूर हुए थे कुछ अपनों से हम
अब तो फ़ोन ही भगवान लग रहा था |
फिर अब बस दिन गुजरते जा रहे हैं
हम इस तरह जीने की आदत डालते जा रहे हैं
छोटे छोटे सपने जो टूट गए थे
उनको फिर से बना रहे हैं |
अब हम दिन गिनते नहीं
बे वजह शिकायत करते नहीं
वक़्त के हाथ में आ जाने का इंतज़ार है
क्युकी हम अपने सपनों के रथ पे सवार है |
ये कहानी ख़तम कब होगी, ये सवाल नहीं है
कुछ दिन बाद क्या होगा, ये भी सवाल नहीं कर रहे हैं
कुछ सपने टूटे है
बस उन्ही को बनाने की कोशिश कर रहे हैं |
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Thank you
3 Comments
Thnx for sharing such an amazing post ever amazing post.
ReplyDeleteMotivational Shayari
Hindi Shayari
English Suvichar
Such a wonderful post ever❤️
ReplyDeleteLove Shayari
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